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शादीमर्ग गुरुद्वारे में 500 साल पुराना चिनार का ये वृक्ष मनोकामना पूरी करता है

छठी पातशाही यानि सिखों के 6ठे गुरु श्री हरगोविंद साहब जिस चिनार के पेड़ के नीचे बैठकर लोगों के साथ विचार चर्चा करते थे, आज वो वृक्ष श्रद्धालुओं के मन की मुराद पूरी करने वाला पवित्र वृक्ष बन गया है.

43 दिन की अमरनाथ जी यात्रा 30 जून से शुरू होगी, रजिस्ट्रेशन चालू हैं

दो साल के अंतराल के बाद जम्मू कश्मीर में अमरनाथ यात्रा 2022 (amarnath yatra 2022) की तैयारियां शुरू हो गई हैं. 30 जून 2022 से 11 अगस्त तक होने वाली 43 दिन की अमरनाथ यात्रा का रजिस्ट्रेशन शुरू हो चुका है. जिस रफ्तार से लोगों ने रजिस्ट्रेशन कराना शुरू किया है और जैसी कि तैयारियां चल रही हैं 2022 में अमरनाथ यात्रियों की संख्या पहले के मुकाबले बहुत ज़्यादा होने की सम्भावना है.

भारत का सबसे ऊंचा युद्ध विजय का स्मारक जहां लड़ी गई चप्परचिड़ि की जंग

चप्परचिड़ि ..! पंजाब का छोटा सा एक गांव ज़रूर है लेकिन सूबे और सिख इतिहास के हिसाब से बेहद महत्वपूर्ण है. अगर आप चंडीगढ़ के आसपास हैं या घूमने के लिए पंजाब जा रहे हैं तो चप्परचिड़ि ज़रूर जाना चाहिए. भारत में मुगलिया आक्रांताओं के अंत की एक और शुरुआत दरअसल यहां पर उस जंग से हुई थी जिस जंग में गुरु गोबिंद सिंह के दाहिना हाथ माने गये योद्धा बन्दा सिंह बहादुर ने फतेह हासिल की थी.

धरती पर इंद्रधनुष देखना है तो चले आइए यहां 23 मार्च के बाद कभी भी

अगर आप भारत में हैं और यहां धरती पर इंद्रधनुष देखना चाहते हैं तो चले जाइए जम्मू कश्मीर (jammu kashmir) की राजधानी श्रीनगर. यहां रंग बिरंगे ट्यूलिप फूलों से बना इंद्रधनुष वाकई आपको पसंद आएगा. इस साल भी आपको ये नज़ारा दिखाने के लिए एशिया का सबसे बड़ा ट्यूलिप गार्डन (tulip garden) सजधज के तैयार है जो जनता के लिए इस साल 23 मार्च से खुलने वाला है.

दिल्ली में इस तरह पहली बार खिले दिखाई दे रहे हैं रंग बिरंगे ट्यूलिप

दुनिया भर में चुनिंदा जगहों पर ही उगाए जा सकने वाले वाले ट्यूलिप के अलग अलग रंगों के खूबसूरत फूल भारत की राजधानी दिल्ली में आने वालों के लिए नया आकर्षण हैं. जाती सर्दियों के बीच फिज़ा में हल्की हल्की गरमायश लाते मदमस्त वसंत में ट्यूलिप फूलों (tulip flower) का उन क्यारियों में खिलना शुरू हो गया है जिन तक कोई भी आसानी से पहुंच सकता है.

भारत और आस्ट्रेलिया में नया समझौता : एक दूसरे के यहां पर्यटन को बढ़ावा देंगे

सैर सपाटे के लिए भारत से आस्ट्रेलिया और आस्ट्रेलिया से भारत आने वालों और इससे जुड़े पर्यटन उद्योग के लोगों व संस्थानों के लिए ये अच्छी खबर है. दोनों देशों ,भारत और ऑस्ट्रेलिया ने आज (11 फरवरी, 2022 ) को नई दिल्ली में पर्यटन के क्षेत्र में आपसी सहयोग के लिए समझौता ज्ञापन (एमओयू -MOU) पर दस्तखत किए हैं.

चंडीगढ़ का बर्ड पार्क : काले और सफेद हंसों के जोड़े भी हैं यहां

चंडीगढ़ में घूमने और देखने लायक जगह में अब एक और आकर्षण जुड़ गया है. चंडीगढ़ के पूर्वी छोर पर सुखना लेक के पास ही ये खूबसूरत बर्ड पार्क है जो नवंबर 2021 में बनकर तैयार हुआ. चंडीगढ़ के बर्ड पार्क की खासियत ये है कि यहां पक्षी को ऐसे वातावरण में रखने के तरीके अपनाए गए हैं जिससे पक्षियों को लगे मानो वे प्राकृतिक वातावरण में हों.

आकर्षक है कश्मीर का ये गांव और यहां 10 पत्थरों से बना प्राचीन शिव मंदिर

पायर ..! कश्मीर का एक साधारण सा गांव लेकिन इसे असाधारण बनाता है एक शिव मंदिर. तकरीबन 1100 साल पुराने इस छोटे से सुंदर शिव मंदिर का यहां होना इसलिए भी हैरानी पैदा करता है क्योंकि लगभग 300 परिवारों वाले पायर गांव में एक भी हिन्दू परिवार नहीं है. ये पहलू अपने आप में शोध का विषय हो सकता है लेकिन ये शिव मंदिर आस्था के साथ साथ कश्मीर में मध्यकालीन शिल्प और निर्माण कला की खूबसूरत मिसाल है.

रावी किनारे छोटा हरिद्वार जहां पहाड़ की गुफाओं में पांडवों के बनाए मंदिर हैं

भारत के पंजाब राज्य में पर्यटन के साथ ही इतिहास और आस्था के नज़रिए से ऐसी गुफाओं वाले मन्दिर हैं जिनको महाभारत काल से जोड़ा जाता है. विशाल पहाड़ों के बीच बनी इन छोटी छोटी गुफाओं में पांडव भाई उपासना करते थे और ध्यान लगाया करते थे.

मोरनी हिल्स : प्रकृति और वन्य जीवों के बीच वीकेंड मनाने के लिए माकूल जगह

अगर आप चंड़ीगढ़ या उसके आसपास हैं और कुछ वक्त शोर शराबे से दूर शांत प्राकृतिक वातावरण में बिताना चाहते हैं लेकिन वक्त कम है तो ऐसे में कसौली के अलावा भी एक विकल्प है – मोरनी हिल्स (morni hills ). चंडीगढ़ से सिर्फ 40 किलोमीटर के फासले पर या यूं कहें कि सिर्फ सवा – डेढ़ घंटे की ड्राइव तो गलत न होगा.

शादीमर्ग गुरुद्वारे में 500 साल पुराना चिनार का ये वृक्ष मनोकामना पूरी करता है

छठी पातशाही यानि सिखों के 6ठे गुरु श्री हरगोविंद साहब जिस चिनार के पेड़ के नीचे बैठकर लोगों के साथ विचार चर्चा करते थे, आज वो वृक्ष श्रद्धालुओं के मन की मुराद पूरी करने वाला पवित्र वृक्ष बन गया है.

43 दिन की अमरनाथ जी यात्रा 30 जून से शुरू होगी, रजिस्ट्रेशन चालू हैं

दो साल के अंतराल के बाद जम्मू कश्मीर में अमरनाथ यात्रा 2022 (amarnath yatra 2022) की तैयारियां शुरू हो गई हैं. 30 जून 2022 से 11 अगस्त तक होने वाली 43 दिन की अमरनाथ यात्रा का रजिस्ट्रेशन शुरू हो चुका है. जिस रफ्तार से लोगों ने रजिस्ट्रेशन कराना शुरू किया है और जैसी कि तैयारियां चल रही हैं 2022 में अमरनाथ यात्रियों की संख्या पहले के मुकाबले बहुत ज़्यादा होने की सम्भावना है.

भारत का सबसे ऊंचा युद्ध विजय का स्मारक जहां लड़ी गई चप्परचिड़ि की जंग

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हवाई अड्डे में साधारण कीमत वाले कोल्ड ड्रिंक्स और पानी छिपाकर रखे जाते हैं

कुदरती तौर पर मौजूद पानी की पैकिंग करके बेचे जाने के व्यवसाय में अच्छा खासा मुनाफा होने के बावजूद इसे बेचने और बिकवाने वाले ग्राहकों को बेफकूफ बनाकर

मुरथल के टेस्टी परांठे और ढाबे जिन्होंने बदल डाली दिल्ली – चंडीगढ़ रूट की फ़िज़ा

परांठा ..! एक ज़माना था जव ये लफ्ज़ सुनते ही दिल्ली वालों के ज़हन में चांदनी चौक की गली परांठे वाली की तस्वीर आती थी. यहां के खुशबूदार पराठों की याद सताने लगती थी. देसी घी में बने अजब ग़जब लज़ीज़ परांठे आज भी वहां मिलते हैं लेकिन दिल्ली के उन परांठों से ज्यादा चर्चा मुरथल के परांठों की होने लगी है.

चंडीगढ़ का बर्ड पार्क : काले और सफेद हंसों के जोड़े भी हैं यहां

चंडीगढ़ में घूमने और देखने लायक जगह में अब एक और आकर्षण जुड़ गया है. चंडीगढ़ के पूर्वी छोर पर सुखना लेक के पास ही ये खूबसूरत बर्ड पार्क है जो नवंबर 2021 में बनकर तैयार हुआ. चंडीगढ़ के बर्ड पार्क की खासियत ये है कि यहां पक्षी को ऐसे वातावरण में रखने के तरीके अपनाए गए हैं जिससे पक्षियों को लगे मानो वे प्राकृतिक वातावरण में हों.

धरती पर इंद्रधनुष देखना है तो चले आइए यहां 23 मार्च के बाद कभी भी

अगर आप भारत में हैं और यहां धरती पर इंद्रधनुष देखना चाहते हैं तो चले जाइए जम्मू कश्मीर (jammu kashmir) की राजधानी श्रीनगर. यहां रंग बिरंगे ट्यूलिप फूलों से बना इंद्रधनुष वाकई आपको पसंद आएगा. इस साल भी आपको ये नज़ारा दिखाने के लिए एशिया का सबसे बड़ा ट्यूलिप गार्डन (tulip garden) सजधज के तैयार है जो जनता के लिए इस साल 23 मार्च से खुलने वाला है.

रावी किनारे छोटा हरिद्वार जहां पहाड़ की गुफाओं में पांडवों के बनाए मंदिर हैं

भारत के पंजाब राज्य में पर्यटन के साथ ही इतिहास और आस्था के नज़रिए से ऐसी गुफाओं वाले मन्दिर हैं जिनको महाभारत काल से जोड़ा जाता है. विशाल पहाड़ों के बीच बनी इन छोटी छोटी गुफाओं में पांडव भाई उपासना करते थे और ध्यान लगाया करते थे.

बदला चांदनी चौक पर नहीं बदली 150 साल पुरानी ये दुकान और इसका स्वाद

भारत की राजधानी दिल्ली का ऐतिहासिक बाज़ार चांदनी चौक कुछ मामलों में तो बदल रहा है और यहाँ आना – जाना और घूमना थोड़ा आरामदायक हो गया है जो अच्छा लगता है. लेकिन काफी कुछ ऐसा भी जो नहीं बदला और इसका न बदलना सबसे अच्छी बात कही जा सकती है क्यूंकि ये हमें अपनी उन जड़ों से जोड़े रखती है जो हमें एक अलग तरह की ज़हनी ताकत देते हैं.

मन मोह लेने वाले कश्मीर के इस विष्णु मंदिर का सदियों पुराना इतिहास है

श्रीनगर से पहले जम्मू कश्मीर की प्राचीन राजधानी रहे अवंतिपुर का विष्णु मन्दिर बेशक खंडहर में तब्दील हो चुका है लेकिन ये खूबसूरत कश्मीर के इतिहास को अपनी नज़रों से देखने और महसूस करने की एक अच्छी और पैनी समझ पैदा कर सकता है. जो लोग भी कश्मीर घूमने जाना चाहते हैं या उसके बदले हालात के बारे में जानने और समझने के जिज्ञासु हैं उनको अवंतिपुर के सदियों पुराने इस  मंदिर के अवशेष भी बहुत मदद कर सकते हैं.

आकर्षक है कश्मीर का ये गांव और यहां 10 पत्थरों से बना प्राचीन शिव मंदिर

पायर ..! कश्मीर का एक साधारण सा गांव लेकिन इसे असाधारण बनाता है एक शिव मंदिर. तकरीबन 1100 साल पुराने इस छोटे से सुंदर शिव मंदिर का यहां होना इसलिए भी हैरानी पैदा करता है क्योंकि लगभग 300 परिवारों वाले पायर गांव में एक भी हिन्दू परिवार नहीं है. ये पहलू अपने आप में शोध का विषय हो सकता है लेकिन ये शिव मंदिर आस्था के साथ साथ कश्मीर में मध्यकालीन शिल्प और निर्माण कला की खूबसूरत मिसाल है.

शादीमर्ग गुरुद्वारे में 500 साल पुराना चिनार का ये वृक्ष मनोकामना पूरी करता है

छठी पातशाही यानि सिखों के 6ठे गुरु श्री हरगोविंद साहब जिस चिनार के पेड़ के नीचे बैठकर लोगों के साथ विचार चर्चा करते थे, आज वो वृक्ष श्रद्धालुओं के मन की मुराद पूरी करने वाला पवित्र वृक्ष बन गया है.

रमणीक स्थल ब्रह्माहुति में भगवान ब्रह्मा का मन्दिर जिसे दुनिया जानती तक नहीं

भारत में सनातन पूजा पद्धति (हिन्दू धर्म) की मान्यता के मुताबिक इस संसार की रचना, संचालन और संतुलन (विनाश के ज़रिये) करने वाले तीन भगवान ब्रह्मा, विष्णु और महेश हैं लेकिन दिलचस्प तथ्य ये है कि तमाम देवी देवताओं के मुकाबले, सृष्टि के रचियता, भगवान ब्रह्मा जी के मन्दिर ही सबसे कम हैं.

शादीमर्ग गुरुद्वारे में 500 साल पुराना चिनार का ये वृक्ष मनोकामना पूरी करता है

छठी पातशाही यानि सिखों के 6ठे गुरु श्री हरगोविंद साहब जिस चिनार के पेड़ के नीचे बैठकर लोगों के साथ विचार चर्चा करते थे, आज वो वृक्ष श्रद्धालुओं के मन की मुराद पूरी करने वाला पवित्र वृक्ष बन गया है.

43 दिन की अमरनाथ जी यात्रा 30 जून से शुरू होगी, रजिस्ट्रेशन चालू हैं

दो साल के अंतराल के बाद जम्मू कश्मीर में अमरनाथ यात्रा 2022 (amarnath yatra 2022) की तैयारियां शुरू हो गई हैं. 30 जून 2022 से 11 अगस्त तक होने वाली 43 दिन की अमरनाथ यात्रा का रजिस्ट्रेशन शुरू हो चुका है. जिस रफ्तार से लोगों ने रजिस्ट्रेशन कराना शुरू किया है और जैसी कि तैयारियां चल रही हैं 2022 में अमरनाथ यात्रियों की संख्या पहले के मुकाबले बहुत ज़्यादा होने की सम्भावना है.

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मुरथल के टेस्टी परांठे और ढाबे जिन्होंने बदल डाली दिल्ली – चंडीगढ़ रूट की फ़िज़ा

परांठा ..! एक ज़माना था जव ये लफ्ज़ सुनते ही दिल्ली वालों के ज़हन में चांदनी चौक की गली परांठे वाली की तस्वीर आती थी. यहां के खुशबूदार पराठों की याद सताने लगती थी. देसी घी में बने अजब ग़जब लज़ीज़ परांठे आज भी वहां मिलते हैं लेकिन दिल्ली के उन परांठों से ज्यादा चर्चा मुरथल के परांठों की होने लगी है.

मोरनी हिल्स : प्रकृति और वन्य जीवों के बीच वीकेंड मनाने के लिए माकूल जगह

अगर आप चंड़ीगढ़ या उसके आसपास हैं और कुछ वक्त शोर शराबे से दूर शांत प्राकृतिक वातावरण में बिताना चाहते हैं लेकिन वक्त कम है तो ऐसे में कसौली के अलावा भी एक विकल्प है – मोरनी हिल्स (morni hills ). चंडीगढ़ से सिर्फ 40 किलोमीटर के फासले पर या यूं कहें कि सिर्फ सवा – डेढ़ घंटे की ड्राइव तो गलत न होगा.

बदला चांदनी चौक पर नहीं बदली 150 साल पुरानी ये दुकान और इसका स्वाद

भारत की राजधानी दिल्ली का ऐतिहासिक बाज़ार चांदनी चौक कुछ मामलों में तो बदल रहा है और यहाँ आना – जाना और घूमना थोड़ा आरामदायक हो गया है जो अच्छा लगता है. लेकिन काफी कुछ ऐसा भी जो नहीं बदला और इसका न बदलना सबसे अच्छी बात कही जा सकती है क्यूंकि ये हमें अपनी उन जड़ों से जोड़े रखती है जो हमें एक अलग तरह की ज़हनी ताकत देते हैं.

कश्मीर में पानी मंदिर भी कहा जाता है इस शिव मन्दिर को

श्रीनगर हवाई अड्डे से तकरीबन 18 किलोमीटर दूर इस शिवालय (Shiv Mandir) को पानी मन्दिर (Pani Mandir) भी कहा जाता है. सिर्फ 17 फुट 6 इंच की परिधि वाले

मोरनी हिल्स : प्रकृति और वन्य जीवों के बीच वीकेंड मनाने के लिए माकूल जगह

अगर आप चंड़ीगढ़ या उसके आसपास हैं और कुछ वक्त शोर शराबे से दूर शांत प्राकृतिक वातावरण में बिताना चाहते हैं लेकिन वक्त कम है तो ऐसे में कसौली के अलावा भी एक विकल्प है – मोरनी हिल्स (morni hills ). चंडीगढ़ से सिर्फ 40 किलोमीटर के फासले पर या यूं कहें कि सिर्फ सवा – डेढ़ घंटे की ड्राइव तो गलत न होगा.

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शादीमर्ग गुरुद्वारे में 500 साल पुराना चिनार का ये वृक्ष मनोकामना पूरी करता है

छठी पातशाही यानि सिखों के 6ठे गुरु श्री हरगोविंद साहब जिस चिनार के पेड़ के नीचे बैठकर लोगों के साथ विचार चर्चा करते थे, आज वो वृक्ष श्रद्धालुओं के मन की मुराद पूरी करने वाला पवित्र वृक्ष बन गया है.

43 दिन की अमरनाथ जी यात्रा 30 जून से शुरू होगी, रजिस्ट्रेशन चालू हैं

दो साल के अंतराल के बाद जम्मू कश्मीर में अमरनाथ यात्रा 2022 (amarnath yatra 2022) की तैयारियां शुरू हो गई हैं. 30 जून 2022 से 11 अगस्त तक होने वाली 43 दिन की अमरनाथ यात्रा का रजिस्ट्रेशन शुरू हो चुका है. जिस रफ्तार से लोगों ने रजिस्ट्रेशन कराना शुरू किया है और जैसी कि तैयारियां चल रही हैं 2022 में अमरनाथ यात्रियों की संख्या पहले के मुकाबले बहुत ज़्यादा होने की सम्भावना है.

भारत का सबसे ऊंचा युद्ध विजय का स्मारक जहां लड़ी गई चप्परचिड़ि की जंग

चप्परचिड़ि ..! पंजाब का छोटा सा एक गांव ज़रूर है लेकिन सूबे और सिख इतिहास के हिसाब से बेहद महत्वपूर्ण है. अगर आप चंडीगढ़ के आसपास हैं या घूमने के लिए पंजाब जा रहे हैं तो चप्परचिड़ि ज़रूर जाना चाहिए. भारत में मुगलिया आक्रांताओं के अंत की एक और शुरुआत दरअसल यहां पर उस जंग से हुई थी जिस जंग में गुरु गोबिंद सिंह के दाहिना हाथ माने गये योद्धा बन्दा सिंह बहादुर ने फतेह हासिल की थी.

धरती पर इंद्रधनुष देखना है तो चले आइए यहां 23 मार्च के बाद कभी भी

अगर आप भारत में हैं और यहां धरती पर इंद्रधनुष देखना चाहते हैं तो चले जाइए जम्मू कश्मीर (jammu kashmir) की राजधानी श्रीनगर. यहां रंग बिरंगे ट्यूलिप फूलों से बना इंद्रधनुष वाकई आपको पसंद आएगा. इस साल भी आपको ये नज़ारा दिखाने के लिए एशिया का सबसे बड़ा ट्यूलिप गार्डन (tulip garden) सजधज के तैयार है जो जनता के लिए इस साल 23 मार्च से खुलने वाला है.

दिल्ली में इस तरह पहली बार खिले दिखाई दे रहे हैं रंग बिरंगे ट्यूलिप

दुनिया भर में चुनिंदा जगहों पर ही उगाए जा सकने वाले वाले ट्यूलिप के अलग अलग रंगों के खूबसूरत फूल भारत की राजधानी दिल्ली में आने वालों के लिए नया आकर्षण हैं. जाती सर्दियों के बीच फिज़ा में हल्की हल्की गरमायश लाते मदमस्त वसंत में ट्यूलिप फूलों (tulip flower) का उन क्यारियों में खिलना शुरू हो गया है जिन तक कोई भी आसानी से पहुंच सकता है.

भारत और आस्ट्रेलिया में नया समझौता : एक दूसरे के यहां पर्यटन को बढ़ावा देंगे

सैर सपाटे के लिए भारत से आस्ट्रेलिया और आस्ट्रेलिया से भारत आने वालों और इससे जुड़े पर्यटन उद्योग के लोगों व संस्थानों के लिए ये अच्छी खबर है. दोनों देशों ,भारत और ऑस्ट्रेलिया ने आज (11 फरवरी, 2022 ) को नई दिल्ली में पर्यटन के क्षेत्र में आपसी सहयोग के लिए समझौता ज्ञापन (एमओयू -MOU) पर दस्तखत किए हैं.

शादीमर्ग  गुरुद्वारे में 500 साल पुराना चिनार का ये वृक्ष मनोकामना पूरी करता है

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छठी पातशाही यानि सिखों के 6ठे गुरु श्री हरगोविंद साहब जिस चिनार के पेड़ के नीचे बैठकर लोगों के साथ विचार चर्चा करते थे, आज वो वृक्ष श्रद्धालुओं के मन की मुराद पूरी करने वाला पवित्र वृक्ष बन गया है.

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सैर सपाटे के लिए भारत से आस्ट्रेलिया और आस्ट्रेलिया से भारत आने वालों और इससे जुड़े पर्यटन उद्योग के लोगों व संस्थानों के लिए ये अच्छी खबर है. दोनों देशों ,भारत और ऑस्ट्रेलिया ने आज (11 फरवरी, 2022 ) को नई दिल्ली में पर्यटन के क्षेत्र में आपसी सहयोग के लिए समझौता ज्ञापन (एमओयू -MOU) पर दस्तखत किए हैं.

ऐतिहासिक कस्बे लाडवा में स्टाइल और स्वाद वाली ट्रेंडी जगह है ओटीसी फूड कोर्ट

चंडीगढ़ – दिल्ली के बीच यानि हाई- वे 44 पर गुजरते समय पीपली से बायीं तरफ मुड़ने के बाद करीब दस किलोमीटर तक सड़क किनारे खेत खलियान और इक्का दुक्का फैक्ट्री या गोदाम जैसी जगह देखने से लगता है कि आप एक साधारण से ग्रामीण इलाके से गुज़र रहे हैं. सहारनपुर की तरफ जाते इस राजमार्ग के थोड़ी शहरी आबादी का अहसास कराते हिस्से में प्रवेश करते ही दिखाई देने वाली एक छोटी सी बिल्डिंग अचानक एक झटका सा देती है.

मुरथल के टेस्टी परांठे और ढाबे जिन्होंने बदल डाली दिल्ली – चंडीगढ़ रूट की फ़िज़ा

परांठा ..! एक ज़माना था जव ये लफ्ज़ सुनते ही दिल्ली वालों के ज़हन में चांदनी चौक की गली परांठे वाली की तस्वीर आती थी. यहां के खुशबूदार पराठों की याद सताने लगती थी. देसी घी में बने अजब ग़जब लज़ीज़ परांठे आज भी वहां मिलते हैं लेकिन दिल्ली के उन परांठों से ज्यादा चर्चा मुरथल के परांठों की होने लगी है.

बदला चांदनी चौक पर नहीं बदली 150 साल पुरानी ये दुकान और इसका स्वाद

भारत की राजधानी दिल्ली का ऐतिहासिक बाज़ार चांदनी चौक कुछ मामलों में तो बदल रहा है और यहाँ आना – जाना और घूमना थोड़ा आरामदायक हो गया है जो अच्छा लगता है. लेकिन काफी कुछ ऐसा भी जो नहीं बदला और इसका न बदलना सबसे अच्छी बात कही जा सकती है क्यूंकि ये हमें अपनी उन जड़ों से जोड़े रखती है जो हमें एक अलग तरह की ज़हनी ताकत देते हैं.

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कुदरती तौर पर मौजूद पानी की पैकिंग करके बेचे जाने के व्यवसाय में अच्छा खासा मुनाफा होने के बावजूद इसे बेचने और बिकवाने वाले ग्राहकों को बेफकूफ बनाकर

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