चप्परचिड़ि ..! पंजाब का छोटा सा एक गांव ज़रूर है लेकिन सूबे और सिख इतिहास के हिसाब से बेहद महत्वपूर्ण है. अगर आप चंडीगढ़ के आसपास हैं या घूमने के लिए पंजाब जा रहे हैं तो चप्परचिड़ि ज़रूर जाना चाहिए. भारत में मुगलिया आक्रांताओं के अंत की एक और शुरुआत दरअसल यहां पर उस जंग से हुई थी जिस जंग में गुरु गोबिंद सिंह के दाहिना हाथ माने गये योद्धा बन्दा सिंह बहादुर ने फतेह हासिल की थी.
मोरनी हिल्स : प्रकृति और वन्य जीवों के बीच वीकेंड मनाने के लिए माकूल जगह
अगर आप चंड़ीगढ़ या उसके आसपास हैं और कुछ वक्त शोर शराबे से दूर शांत प्राकृतिक वातावरण में बिताना चाहते हैं लेकिन वक्त कम है तो ऐसे में कसौली के अलावा भी एक विकल्प है – मोरनी हिल्स (morni hills ). चंडीगढ़ से सिर्फ 40 किलोमीटर के फासले पर या यूं कहें कि सिर्फ सवा – डेढ़ घंटे की ड्राइव तो गलत न होगा.
ऐतिहासिक कस्बे लाडवा में स्टाइल और स्वाद वाली ट्रेंडी जगह है ओटीसी फूड कोर्ट
चंडीगढ़ – दिल्ली के बीच यानि हाई- वे 44 पर गुजरते समय पीपली से बायीं तरफ मुड़ने के बाद करीब दस किलोमीटर तक सड़क किनारे खेत खलियान और इक्का दुक्का फैक्ट्री या गोदाम जैसी जगह देखने से लगता है कि आप एक साधारण से ग्रामीण इलाके से गुज़र रहे हैं. सहारनपुर की तरफ जाते इस राजमार्ग के थोड़ी शहरी आबादी का अहसास कराते हिस्से में प्रवेश करते ही दिखाई देने वाली एक छोटी सी बिल्डिंग अचानक एक झटका सा देती है.
मुरथल के टेस्टी परांठे और ढाबे जिन्होंने बदल डाली दिल्ली – चंडीगढ़ रूट की फ़िज़ा
परांठा ..! एक ज़माना था जव ये लफ्ज़ सुनते ही दिल्ली वालों के ज़हन में चांदनी चौक की गली परांठे वाली की तस्वीर आती थी. यहां के खुशबूदार पराठों की याद सताने लगती थी. देसी घी में बने अजब ग़जब लज़ीज़ परांठे आज भी वहां मिलते हैं लेकिन दिल्ली के उन परांठों से ज्यादा चर्चा मुरथल के परांठों की होने लगी है.
देखने लायक है चंडीगढ़ का आकर्षक जापानी पार्क जहां रुद्राक्ष के पेड़ भी हैं
अंग्रेज़ी हुकूमत से मिली आज़ादी के बाद आधुनिक भारत में व्यवस्थित तरीके से बनाये और बसाये गए चंडीगढ़ शहर के नये आकर्षणों में से एक है जापानी पार्क. चंडीगढ़ नगर निगम का बनाया ये खूबसूरत पार्क जापानी संस्कृति के उन पहलुओं को समेटे हुए है जो प्रकृति प्रेम, शांति और अध्यात्म के गुणों से लबरेज़ हैं.
बदला चांदनी चौक पर नहीं बदली 150 साल पुरानी ये दुकान और इसका स्वाद
भारत की राजधानी दिल्ली का ऐतिहासिक बाज़ार चांदनी चौक कुछ मामलों में तो बदल रहा है और यहाँ आना – जाना और घूमना थोड़ा आरामदायक हो गया है जो अच्छा लगता है. लेकिन काफी कुछ ऐसा भी जो नहीं बदला और इसका न बदलना सबसे अच्छी बात कही जा सकती है क्यूंकि ये हमें अपनी उन जड़ों से जोड़े रखती है जो हमें एक अलग तरह की ज़हनी ताकत देते हैं.
कोविड 19 नियमों का पालन करें तो गोवा में आपका स्वागत है
भारत में पर्यटन पर निर्भर राज्यों में से एक गोवा में सरकार सैलानियों को सुरक्षित तरीके से आने का न्यौता दे रही है. गोवा के मंत्री माइकल लोबो ने कहा है कि जो सैलानी कोविड 19 की नेगेटिव रिपोर्ट के साथ और टीकाकरण प्रक्रिया के बाद आएंगे, गोवा उनका स्वागत करेगा.
रमणीक स्थल ब्रह्माहुति में भगवान ब्रह्मा का मन्दिर जिसे दुनिया जानती तक नहीं
भारत में सनातन पूजा पद्धति (हिन्दू धर्म) की मान्यता के मुताबिक इस संसार की रचना, संचालन और संतुलन (विनाश के ज़रिये) करने वाले तीन भगवान ब्रह्मा, विष्णु और महेश हैं लेकिन दिलचस्प तथ्य ये है कि तमाम देवी देवताओं के मुकाबले, सृष्टि के रचियता, भगवान ब्रह्मा जी के मन्दिर ही सबसे कम हैं.
हवाई अड्डे में साधारण कीमत वाले कोल्ड ड्रिंक्स और पानी छिपाकर रखे जाते हैं
कुदरती तौर पर मौजूद पानी की पैकिंग करके बेचे जाने के व्यवसाय में अच्छा खासा मुनाफा होने के बावजूद इसे बेचने और बिकवाने वाले ग्राहकों को बेफकूफ बनाकर