नदियों के जाल के कारण जल पर्यटन के लिहाज़ से ख़ास बना केरल अब उन सैलानियों को लुभाने की तैयारी कर रहा है जो नदी के जीव जन्तुओं , किनारे के जंगलों और बनस्पतीय प्राकृतिक सोंदर्य के साथ साथ रोमांच का भी मजा लेना चाहते हैं. कोविड जैसी महामारी में भी पर्यटन के लिहाज़ से राज्य सरकार की तरफ से सुरक्षित बताये जा रहे केरल में सैर सपाटे के हिसाब से काफी कुछ है. यहाँ सरकार ऐडवेंचर टूरिज्म सर्किट बना कर उसे नदियों से जोड़ने पर विचार करेगी.वहीं जलमार्ग परियोजना पूरी होने से भी जल पर्यटन की विकास भी रफ्तार पकड़ेगी.
केरल में नदियों पर आधारित पर्यटन के अपार सम्भावनाओं का ज़िक्र करते हुए इस दिशा में संजीदगी से काम न किये जाने पर यहाँ के पर्यटन मंत्री पी ए मोहम्मद रियास ने अफ़सोस ज़ाहिर किया. उन्होंने कहा कि अब इस क्षेत्र में व्यापक स्तर पर काम करने की योजना है ताकि देशी – विदेशी , दोनों ही सैलानी यहाँ ज्यादा से ज्यादा तादाद में आयें. मोहम्मद रियास ने ओणम से पूर्व अपनी पत्नी वीना विजयन के साथ पिनराई से परापरम के बीच राफ्टिंग (rafting ) और कयाकिंग (kayaking ) करने के बाद इस बारे में बयान जारी किया. वीना विजयन केरल के मुख्यमंत्री पी. विजयन की बेटी हैं. इस दम्पति ने अन्जराक्कंडी नदी में एक घंटा बीत्य और इस दौरान तीन किलोमीटर का फासला तय करके ये संदेश देने की कोशिश की कोरोना वायरस महामारी के बीच भी यहाँ सुरक्षित तरीके जल पर्यटन किया जा सकता है.
प पर्यटन मंत्री पी ए मोहम्मद रियास ने कहा , ” केरल में जलीय पर्यटन की महान संभावनाएं हैं.महामारी के दौरान परिवारों के लिए ये सुरक्षित तरीका है.राफ्टिंग और कयाकिंग कभी न भूलने वाला अनुभव है’.
केरल पर्यटन की तरफ से जारी एक बयान में कहा गया है कि 11 जिलों को जोड़ने वाली जलमार्ग परियोजना सैलानियों को प्राचीन जल राजमार्ग की यात्रा करने का मौका देगी. केरल राज्य के दक्षिण में कोवलम से लेकर उत्तर में कासरगोड तक 633 किलोमीटर तक फैले वेस्ट कोस्ट कैनाल ( West Coast Canal -WCC) में नदी किनारे की 50 जगहों को पर पर्यटन के हिसाब से विकसित किया जाएगा.