दुनिया भर में चुनिंदा जगहों पर ही उगाए जा सकने वाले वाले ट्यूलिप के अलग अलग रंगों के खूबसूरत फूल भारत की राजधानी दिल्ली में आने वालों के लिए नया आकर्षण हैं. जाती सर्दियों के बीच फिज़ा में हल्की हल्की गरमायश लाते मदमस्त वसंत में ट्यूलिप फूलों (tulip flower) का उन क्यारियों में खिलना शुरू हो गया है जिन तक कोई भी आसानी से पहुंच सकता है. अभी तक ये तो दिल्ली में भारत के राष्ट्रपति भवन के मुग़ल गार्डन की ही शोभा बढ़ाते थे लेकिन अब ट्यूलिप शहर की चुनिंदा सड़क किनारों और पार्क में भी रौनक में इजाफा करते दिखाई देने लगे हैं.

ट्यूलिप

ट्यूलिप के अलग अलग रंगों के खूबसूरत फूल भारत की राजधानी दिल्ली में आने वालों के लिए नया आकर्षण हैं.

सबसे महंगे फूलों में शुमार ट्यूलिप (tulip) यूं तो राष्ट्रपति भवन के मुग़ल गार्डन में ख़ास जगह रखता है लेकिन वहां बिना ऑनलाइन बुकिंग के नहीं जाया जा सकता और न ही कैमरा ले जाने की इजाज़त है. मोबाइल फोन का भी वहां पर इस्तेमाल मना है. साथ ही आजकल कोरोना वायरस संक्रमण की रोकथाम के लिए तय नियमों के साथ साथ सुरक्षा कारण से भी ज्यादा पाबंदियां हैं.

जो लोग दिल्ली घूमने आये हुए हैं या इसी हफ्ते में आ रहे हैं और अगर ट्यूलिप की खूबसूरती को करीब से महसूस करना चाहते हैं, उनके लिए बिना किसी झंझट के ट्यूलिप फूलों को करीब से निहारने का एक अच्छा मौका है. फिलहाल इन ट्यूलिप को राजनयिक इलाके चाणक्यपुरी में देखा जा सकता है. यहीं नहीं आप इन ट्यूलिप फूलों के नज़दीक से फोटो , सेल्फी तो ले ही सकते हैं, वीडियो भी रेकॉर्ड कर सकते हैं. इसके लिए कोई टिकट भी नहीं लेना होगा.

ट्यूलिप

ट्यूलिप के अलग अलग रंगों के खूबसूरत फूल भारत की राजधानी दिल्ली में आने वालों के लिए नया आकर्षण हैं.

दिल्ली में इन सर्दियों में लगाये ट्यूलिप के पौधों में फूल खिलने शुरू हो गये हैं. चाणक्यपुरी में शांतिपथ पर ब्रिटिश उच्चायोग ( british high commission ) के पास वाले बड़े गोल चक्कर (round about ) में बने पार्क में अलग अलग रंगों वाले खिले ट्यूलिप देखना बेहद आसान है. यहां गुलाबी , लाल , केसरी , पीले और सफेद ट्यूलिप के फूलों वाली क्यारियां गुलज़ार हो गई हैं. ऐसा हो नहीं सकता कि दिल्ली में दूतावासों वाले इस इलाके की मुख्य सड़क से आप गुजरें और शांतिपथ – पंचशील मार्ग के इस गोल चक्कर पर आपका ध्यान न जाये. ट्यूलिप के कद्रदान तो दूर से ही यहां दिखाई दे जाएंगे. हर उम्र के लोगों के लिए ये जगह आकर्षण बनी है. लोग खासतौर से दिल्ली एनसीआर के दूर के इलाकों से भी यहां खींचे चले आ रहे हैं.

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ट्यूलिप के अलग अलग रंगों के खूबसूरत फूल भारत की राजधानी दिल्ली में आने वालों के लिए नया आकर्षण हैं.

नई दिल्ली नगरपालिका परिषद (ndmc) ने दिल्ली में और सार्वजनिक जगह पर भी पहली बार ट्यूलिप के पौधे लगाए हैं. इनमें से एक खास जगह कनॉट प्लेस का सेंट्रल पार्क है लेकिन फिलहाल इसमें प्रवेश बंद है. यहां और वैरायटी के फूल भी लगाये गये हैं लेकिन कोरोना वायरस ( corona virus ) संक्रमण की रोकथाम के कारण लागू नियमों की वजह से पार्क में जनता नहीं जा सकती. उम्मीद की जा रही ही कि कोरोना के हालात जिस तेज़ी से सुधर रहे हैं उसे देखते हुए पार्क में एंट्री शुरू हो जायेगी. लेकिन इसका इंतज़ार करने से अच्छा है कि चाणक्यपुरी जाकर इनको देखा जाए. ध्यान रखें कहीं ये इंतज़ार लम्बा न हो जाये. ट्यूलिप मौसमी फूल हैं और दिल्ली जैसे स्थान पर जल्द ही गर्मी बढ़ने पर ये ज्यादा समय तक जिंदा नहीं रह पाते.

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ट्यूलिप के अलग अलग रंगों के खूबसूरत फूल भारत की राजधानी दिल्ली में आने वालों के लिए नया आकर्षण हैं.

ट्यूलिप फूल की खासियत :

4 इंच से लेकर 2 फुट तक के ऊंचाई वाले हरे तने पर उगने वाला ये फूल बड़े आकार फूलों में शुमार है. तने पर भी पत्ते बहुत कम होते है. आमतौर पर 5 से 10. ट्यूलिप की अलग अलग किस्में भी हैं और इसके फूल अलग अलग रंग के भी हैं. सभी के रंग चमक दार और भड़कीले कहे जा सकते हैं. सफेद ट्यूलिप भी कम खूबसूरत नहीं है. टूटने के बाद ये ज्यादा दिन तक नहीं रह सकता. ट्यूलिप फूल की पत्तियां भी गुलाब की तरह बिखर जाती हैं.