अगर आप भारत में हैं और यहां धरती पर इंद्रधनुष देखना चाहते हैं तो चले जाइए जम्मू कश्मीर (jammu kashmir) की राजधानी श्रीनगर. यहां रंग बिरंगे ट्यूलिप फूलों से बना इंद्रधनुष वाकई आपको पसंद आएगा. इस साल भी आपको ये नज़ारा दिखाने के लिए एशिया का सबसे बड़ा ट्यूलिप गार्डन (tulip garden) सजधज के तैयार है जो जनता के लिए इस साल 23 मार्च से खुलने वाला है. पुष्प प्रेमियों और फोटोग्राफी के शौक़ीन लोगों के लिए तो ये बेहद ख़ास मौका है.

पहले फ्लोरीकल्चर सेंटर कहलाने वाला श्रीनगर का इंदिरा गांधी ट्यूलिप गार्डन, डल झील (dal lake) के सामने ज़बरवन रेंज की तलहटी पर 30 एकड़ इलाके में बना हुआ है. फूलों की खेती व संस्कृति को बढ़ावा देने और पर्यटन के नज़रिए से 2007 में बनाया गया श्रीनगर का ट्यूलिप गार्डन हर साल अप्रैल में होने वाले ट्यूलिप फेस्टिवल (tulip festival) के लिए मशहूर है.

एशिया का सबसे बड़ा ट्यूलिप गार्डन

एशिया का सबसे बड़ा ट्यूलिप गार्डन

धरती का स्वर्ग कहे जाने वाले कश्मीर में, घूमने आने वाले सैलानियों के लिए, ट्यूलिप गार्डन आकर्षण का एक और केंद्र बन गया है. पहाड़ी ढलान वाले क्षेत्र में छत की तरह सात हिस्सों में इसे बनाया गया है. यहां विभिन्न रंगों और डिजायन वाले 68 क़िस्म के 15 लाख ट्यूलिप के अलावा यहां और भी खूबसूरत रंग बिरंगे फूलों की किस्में के पौधे लगाए गए हैं. अभी ट्यूलिप फेस्टिवल की तारीख का ऐलान नहीं किया गया है. वैसे इस उत्सव के दौरान मनोरंजन के ख़ास कार्यक्रम भी किये जाते हैं.

ढलती शीत ऋतु के इन दिनों में कश्मीर घूमने जाने वालों के लिए इस गार्डन में न जाने का मतलब कश्मीर ट्रिप का अधूरा रहना माना जाता है. भारत में कई पुष्प प्रेमी तो सिर्फ इस गार्डन को देखने के लिए ही श्रीनगर जाने का प्लान बनाते हैं. ट्यूलिप गार्डन के सहायक फ्लोरीकल्चर अधिकारी (assistant floriculture officer) इनाम उल रहमान के मुताबिक़ इस बार यहां ट्यूलिप के अलावा हयसन, डेफोडिल आदि फूल भी खिले देखे जा सकते हैं. इसके अलावा यहां ट्यूलिप गार्डन के पूर्वी छोर पर सकूरा गार्डन (sakura garden) भी विकसित किया जा रहा है जो आने वाले समय में सैलानियों के लिए आकर्षण का एक और केंद्र बनेगा. ट्यूलिप गार्डन में एक ओपन एयर कैफेटेरिया (open air cafeteria) भी तैयार किया जा रहा है.

श्रीनगर के ट्यूलिप गार्डन देखने के लिए पिछले साल यानि 2021 में 2 लाख आए थे जबकि कोविड 19 का संक्रमण अचानक फिर से फैलने के कारण इसे पहले ही बंद कर दिया गया था.